जगमग जगमग जोत जली है।
राम आरती होन लगी है।।
भक्ति का दीपक प्रेम की बाती।
आरती संत करें दिन राती।।
आनन्द की सरिता उभरी है।
जगमग जगमग जो जली है।।
आरती हनुमत के मन भाये।
राम कथा नित शंकर गावे।।
सन्तों की ये भीड़ लगी है।
जगमग जगमग जोत जली है।।
आरती श्री राम चन्द्र जी की राम आरती - श्री रामचन्द्र
रामचंद्र जी की आरती, Ram Chander Ji ki Aarti
आरती श्री राम चन्द्र जी की राम आरती - श्री रामचन्द्र रामचंद्र जी की आरती, Ram Chander Ji ki Aarti
Reviewed by Shiv Rana RCM
on
March 12, 2021
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