सोमवती अमावस्या की कथा
यह स्त्रियों का प्रमुख व्रत है। सोमवार चन्द्रमा का दिन है
इस दिन हर अमावस्या को सूर्य तथा चन्द्र एक सीध में स्थित रहते है। इसलिए यह पर्व विशेष
पुष्य वाला होता है। जिस अमावस्या को सोमवार हो उसी दिनी इस व्रत का विधान है। यह स्नान, दान पर्वो में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। निर्णय सिन्धु के व्यास
वचनानुसार इस दिन मौन रहकर स्नान ध्यान करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता
है। इस दिन पीपल के वष्क्ष की 108 बार परिक्रमा करते हुए पीपल तथा विष्णु भगवान के पूजन का नियम
है। प्रदक्षिणा के समय 108 फल पुस्तक
अलग रखकर समापन के समय वेदपाठी ब्राहाण को दान में देना चाहिए।
सोमवती अमावस्या की कथा - somvati amavasya
Reviewed by Shiv Rana RCM
on
December 22, 2020
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